शुक्रवार, 31 अक्तूबर 2008

ये देश किसका

क्याहम सोवियत रूस के रस्ते पर है ?गुजरात का कहना है की वो सबे जयादा राजस्व दे रहे है महारास्त्र के कुछ नेताओ का कहना है की यह भूमि सिर्फ़ मराठियो की है पूर्वी राज्यों में इनर परमिट की स्थिथि है कश्मीर में ३७० लागु है क्यो न हम ये मान ले की हम विघटन के रस्ते पर है आज इस बात की कोई जवाबदेही कोण लेगा की कल के रोज ये आग गली मोहल्लो तक न पहुच जाए .........एक अलग देश ...अलग अस्मिता की बात .........छोटे छोटे राज्यों का निर्माण कर हमने राजनितिक बेरोजगारी तो दूर कर दी है पर १७ करोड़ बेरोजगारों के लिए देश कुछ भी नही कर पाया ...........लगता है हम एक बेबस भीड़ है .....जेसे डोर से छुटी कोई पतंग